श्री भूतनाथ बाबा
श्री बाबू महाराज मंदिर के सामने स्थित भूतनाथ बाबा के नाम से विख्यात मंदिर जो कि भैरव बाबा का
मंदिर है वह मंदिर श्री बाबू महाराज के मंदिर के साथ ही नहीं बनवाया वह बाद में स्थापित किया गया है जो इस प्रकार हैं
झिरी गांव के दो व्यक्तियों कि सपने से जुड़ी हुई कहानी के आधार पर है वे दो व्यक्ति श्री रामनारायण मीणा जी के पिताजी श्री शंकर लाल जी पटैल एवं श्री सियाराम मीणा जी के दादाजी श्री सुखूआ बाबा इन दोनों व्यक्तियों को सपना हुआ
उस सपने में उस देवता ने उनसे बोला कि मैं गिरौनियां के पास स्थित एक चमेली के पेड़ के नीचे स्थित हूं मुझे श्री बाबू महाराज के मंदिर के पास ले चलो दोनों व्यक्ति सुबह उठकर एक दूसरे से बात करने लगे और देवता की खोज में निकल पड़े, कहते हैं कि गिरौनियां के पास पहुंचे वहां पर
उन्होंने देखा चमेली का पेड़ कही दिखाई नही दिया आस-पास कई पेड़ों को काट कर साफ-सफाई की तब एक हीस के पेड़ के नीचे वह पेड़ दिखाई दिया हीस के पेड़ को काटकर चमेली के पेड़ के नीचे खुदाई की तो उसमें श्री भूतनाथ बाबा की मूर्ति दिखाई दी
उसको लेकर उनके कहें अनुसार श्री बाबू महाराज बाबा के मंन्दिर के सामने स्थापित कर दिया श्री भूतनाथ बाबा की जात भाद्रपद में सप्तमी को लगती है उनके आर्शीवाद से आज - तक किसी भी व्यक्ति को भूत-प्रेत से डरने की जरूरत नहीं है ,,,
लेखक --अजय सिंह मीना