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Sunday, September 4, 2011

श्री बाबू महाराज मन्दिर, झिरी



श्री बाबू महाराज मन्दिर, झिरी

 श्री बाबू महाराज मन्दिर, धौलपुर जिले के सरमथुरा शहर के 30 कि.मी. दुर झिरी गॉव मे चम्बल नदी के किनारे बना हैं। यह प्राचीन मन्दिर हजारो वर्षो पुराना है। इस मन्दिर का पुनः जीर्णोधार पूर्व सरपंच श्री अशोक सिंह जादौन (झिरी वाले) ने करवाया था। वर्तमान मे चम्बल नदी के किनारे श्री बाबू महाराज के तीन मन्दिर हैं। जिनमें झिरी, थूम्म का मन्दिर तो राजस्थान में व करजोनी का मन्दिर मध्यप्रदेश मे स्थित हैं। जिनमे झिरी मे स्थित श्री बाबू महाराज का मन्दिर सबसे प्राचीन हैं। क्योकि श्री बाबू महाराज ने सर्वप्रथम यही चम्बल नदी के किनारे मीणा जाति के एक भक्त व्यक्ति को दर्शन दिये।


                      बहुत प्राचीन समय कि बात हैं कि एक दिन चम्बल नदी के अन्दर एक व्यक्ति नहा रहा था। तभी उसे एक कमल का फुल तैरता हुआ उसकी तरफ आया तो व्यक्ति ने उस कमल के फुल को देखा तो पाया कि उसमे एक पत्थर की लुडिया (पिण्डी) थी। तभी अचानक उस कमल के फुल की लुडिया (पिण्डी) से श्री बाबू महाराज प्रकट हुए। व उस व्यक्ति को अपना आर्शीवाद देते हुए, अपना मन्दिर निर्माण की बात कही। तभी से ये प्राचीन मन्दिर बना हुआ हैं।
                     वैसे तो हर माह की शुक्ल पक्ष की दोज को यहा लोग जात देते है। लेकिन भाद्रपद शुक्ल पक्ष की दोज को यहॉ  इस मन्दिर पर श्री बाबू महाराज का बड़ा मेला भरता हैं। जिसमे दूर-2 के स्थानो से जात्री जात देने आते हैं। व श्रृद्धा पूर्वक मन्नत मांगते हैं जिसे श्री बाबू महाराज पुरी भी करते हैं।
                     श्री बाबू महाराज के मन्दिर के पास ही श्री महादेव जी, श्री गणेश जी, श्री भैरोबाबा, श्री झिरीया देवी माताजी का मन्दिर भी स्थित हैं। कहा जाता हैं कि झिरीया माता के नाम से ही झिरी गॉव का नाम रखा गया हैं।
                     मन्दिर के पुजारी श्री सियाराम जी भक्त ने बताया कि स्थानीय लोगों व मवेशियो कि जहरीले जानवरों व बीमारियों से रक्षा श्री बाबू महाराज ही करते हैं। यदि किसी व्यक्ति या जानवर को जहरीला जानवर कांट लेता हैं तो श्री बाबू महाराज के भक्त द्वारा, झाडा (झाडू) लगा देने से वह ठीक हो जाता हैं।
                     श्री बाबू महाराज कि मान्यता रखने वाले व्यक्ति शुद्ध शाकाहारी होते हैं। दारु नही पीते हैं व अपने घर मे प्रकाश करने व खाना बनाने के लिए केरोसिन तेल का उपयोग नही करते हैं। श्री बाबू महाराज के मन्दिर मे प्रत्येक जाति के लोग आते हैं। यहा के लोग अपने मवेशियो के गले मे मजीरे की बजाय घण्टी बाधते हैं। जिससे पशुओ को किसी प्रकार का रोग नही लगता हैं।
                    एक बार की बात हैं कि श्री बाबू महाराज के एक भक्त ने  श्री बाबू महाराज के मन्दिर मे कहा कि यदि आप दे सकते हो तो महाराज आपकी भक्त करजोनी की 80 वर्षीय निःसंतान व दुःखी सिया गुर्जरी को एक संतान दे दो। उसी समय श्री बाबू महाराज करजोनी के मटमेले घाट पर स्नान करने आई उस 80 वर्षीय निःसंतान व दुःखी सिया गुर्जरी को आर्शीवाद दिया की “जा भक्त तुमहारे 9 माह बाद एक पुत्र की प्राप्ति होगी” । सिया गुर्जरी ने घर जाकर अपने पति बाबा गगन को यह बात बताई तो, बाबा गगन ने अपनी पत्नी को समझाया कि बावली किसी ने तुमसे मजाक तो नही की हैं। कभी 80 वर्ष की उम्र मे भी संतान हुई हैं ? लेकिन सिया गुर्जरी ने कहा कि मुझसे किसी ने मजाक नही की हैं। मुझे तो साक्षात्कार श्री बाबू महाराज ने दर्शन दिये हैं। व उन्होने ही मुझे आर्शीवाद स्वरुप ये बात कही हैं।
और हुआ भी वही। श्री बाबू महाराज का दिया हुआ आर्शावाद खाली कैसे जा सकता हैं।  सिया गुर्जरी के पुरे 9 माह बाद स्वस्थ, सुन्दर एक लड़का पैदा हुआ। जिसका नाम मान रखा गया। तभी से करजोनी मे श्री बाबू महाराज की मान्यता होने लगी व वहॉ भी श्री बाबू महाराज का मन्दिर बना। करजोनी मे श्री बाबू महाराज के मन्दिर से जुड़ी बहुत बड़ी कहानी हैं जो मेने एक कैसेट मे सुनी थी। लेकिन मै यहॉ उसका वर्णन करुगॉ तो एक बहुत बड़ा ग्रन्थ तैयार हो जायेगा।
       श्री बाबू महाराज ने ऐसे अनेको चमत्कार किये हैं जिनके कुछेक के बारे मे यहॉ मे बताना चाहुगा।
                    एक बार दिल्ली के एक मुस्लिम शासक ने किसी गुर्जर की गर्भवती गाय को दीवार मे चिनवा दी। व गुर्जर को दरबार मे हाजिर होने का फरमान जारी किया। जब गुर्जर को इस बात का पता चला तो उसने सोचा गाय तो गई ही , अब पता नही मुस्लिम राजा उनहे क्या सजा और देगा। उसने श्री बाबू महाराज को स्मरण करके मुस्लिम राजा के दरबार मे हाजिर हुआ। तब  मुस्लिम राजा ने गुर्जर को चुनौती दी कि “यदि तुमहारे भगवान मे शक्ति हैं तो बचा लो इस गाय को”। तभी अचानक एक तेज प्रकाश हुआ व शासक द्वारा चिनवाई दीवार फट गई। वहा उपस्थित लोग ये देखकर आश्चर्य चकित रह गये कि उस दीवार से बच्चे को दुध पिलाती वह गाय जिंदा पाई गई। तभी मुस्लिम शासक भी श्री बाबू महाराज के सामने नत मस्तक होकर मांफी मॉगने लगा। व श्री बाबू महाराज को पुजने लगा।
                    एक बार गॉव मे वर्षा नही हुई। जिससे गॉव मे बहुत भयंकर आकाल पड़ गया। मवेशी मरने लगे व गॉव के लोगो को खाने पीने का संकट खडा हो गया। तब गॉव के लोग चम्बल नदी के किनारे स्थित श्री बाबू महाराज के मन्दिर पर इकट्ठे होकर, श्री बाबू महाराज से बरसात के लिए प्रार्थना करने लगे। वहा स्थित प्रत्यक्षदर्शीयो ने बताया कि एकाएक चम्बल नदी से पानी का तेज चक्रवात उठा व झिरी व पड़ोसी गॉव मे तेज मुसलाधार वर्षा हुई। ऐसा कहते हैं कि उस बरसात मे पानी के साथ जलीय जीव मछली आदि भी बरसात के पानी के साथ बरसी। क्योकि वह सम्पूर्ण पानी चम्बल नदी से ही पानी का चक्रवात हो कर उठा था।
                   अभी 02-09-2011 को पुरे झिरी गॉव वासियो के सहयोग से श्री बाबू महाराज का बहुत बड़ा धर्म-पुण्य गॉव मे सम्पन्न हुआ हैं। जिसमे झिरी गॉव वासियो ने पुरी झिरी पंचायत को भोजन के लिए आमंत्रित किया था। इतना बड़ा धर्म पुण्य इस क्षेत्र मे मेने पहली बार देखा हैं। जिसमे एक-सवा लाख रुपये का तो देशी घी लगा था। जो गॉव वालो से इकट्ठे किये गये रुपयो से लाया गया था। जो झिरी गॉव वासियो की श्री बाबू महाराज  के प्रति निष्टा व भक्ति भाव को प्रकट करता हैं।
“जय श्री बाबू महाराज की”।
लेखक - रमेश कुमार फुलवारिया (अध्यापक)
          राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, शंकरपुर (झिरी)
           पं.स. - बसेड़ी, जिला- धौलपुर (राजस्थान)

30 comments:

  1. मास्टर जी आपको श्री बाबू महाराज के बारे मे जानकारी देने के लिए धन्यवाद।
    -अजय राज

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  2. बहुत ही अच्छी जानकारी प्रदान की हैं रमेश जी आपने इसके लिए आपको धन्यवाद
    भगवान हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करते हैं
    जय श्री बाबू महाराज की

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  3. अच्छी फोटो और जानकारी वाली पोस्ट.....थैंक्स

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  4. बाबू महाराज की जय हो

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  5. Jai Baboo Maharaj .........thanks for post

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  6. This comment has been removed by the author.

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  7. क्या सभी मंदिरों की गूगल लोकेशन मिल सकती है
    जय बाबू महाराज की

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  8. Babu maharaj ji ke bare me jaankari dene ke liye dil se dhanybaad
    Deta hu
    Me deepak upadhyay
    Indoli

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  9. जय हो बाबू महाराज की

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  10. Jay Babu maharaj me darshan krna chahta hu ..mob number bhejo my contact number 9754450325

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  11. जय हो बाबू महाराज की,नाथ मेरी लाज रखो । मैं आपकी शरण हूँ,प्रभो आपकी जय जय जय हो

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  12. Jay ho babu baba (nyotha) nadbai bharatpur

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  13. भाई जी बहुत बड़ी कहानी लिखी लेकिन इस कहानी में आपने कोई दिनांक का उल्लेख नहीं किया है
    जैसे कि दिल्ली में गाय को बाहर निकालने का कालखंड नहीं दिखाया है सबसे बड़ी गलती यही है कि आपने कहीं भी कोई दिनांक नहीं लिखा है किस दिनांक में यह घटना हुई थी, उस समय किस राजा का शासन था कृपया यह क्लियर करें और दिनांक सहित पोस्ट को फिर से रीपोस्ट करें ताकि फैक्ट चेक भी किए जा सके
    जेसी सिया को कब पुत्र हुआ जो भी आप कहानी लिख रही हो उसको प्रमाण सहित लिखें जैसे कि कोई शिलालेख पर लिखा हो और उस पर कालखंड अंकित हो

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  14. Mere Sharir Mein Safed Daag hai kya theek ho Jaenge Babu Maharaj ke mandir per Darshan karne se

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  15. Jay shirir babu mharj ki

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  16. Rishikesh parashar

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