JHIRI
Sunday, August 22, 2021
Sunday, January 17, 2021
श्री भूतनाथ बाबा
श्री भूतनाथ बाबा
श्री बाबू महाराज मंदिर के सामने स्थित भूतनाथ बाबा के नाम से विख्यात मंदिर जो कि भैरव बाबा का
मंदिर है वह मंदिर श्री बाबू महाराज के मंदिर के साथ ही नहीं बनवाया वह बाद में स्थापित किया गया है जो इस प्रकार हैं
झिरी गांव के दो व्यक्तियों कि सपने से जुड़ी हुई कहानी के आधार पर है वे दो व्यक्ति श्री रामनारायण मीणा जी के पिताजी श्री शंकर लाल जी पटैल एवं श्री सियाराम मीणा जी के दादाजी श्री सुखूआ बाबा इन दोनों व्यक्तियों को सपना हुआ
उस सपने में उस देवता ने उनसे बोला कि मैं गिरौनियां के पास स्थित एक चमेली के पेड़ के नीचे स्थित हूं मुझे श्री बाबू महाराज के मंदिर के पास ले चलो दोनों व्यक्ति सुबह उठकर एक दूसरे से बात करने लगे और देवता की खोज में निकल पड़े, कहते हैं कि गिरौनियां के पास पहुंचे वहां पर
उन्होंने देखा चमेली का पेड़ कही दिखाई नही दिया आस-पास कई पेड़ों को काट कर साफ-सफाई की तब एक हीस के पेड़ के नीचे वह पेड़ दिखाई दिया हीस के पेड़ को काटकर चमेली के पेड़ के नीचे खुदाई की तो उसमें श्री भूतनाथ बाबा की मूर्ति दिखाई दी
उसको लेकर उनके कहें अनुसार श्री बाबू महाराज बाबा के मंन्दिर के सामने स्थापित कर दिया श्री भूतनाथ बाबा की जात भाद्रपद में सप्तमी को लगती है उनके आर्शीवाद से आज - तक किसी भी व्यक्ति को भूत-प्रेत से डरने की जरूरत नहीं है ,,,
लेखक --अजय सिंह मीना
Saturday, May 11, 2013
श्री भैंरो बाबा मन्दिर-गिरौनिया
श्री भैंरो बाबा मन्दिर-गिरौनिया
यह मन्दिर सरमथुरा से 21 किलोमीटर
व
झिरी
से
7 किलोमीटर दूर स्थित हैं। यहां प्रतिवर्ष भादवा की शुक्ल
सात को मेला भरता हैं। इस मन्दिर पर जात देने के लिए दिल्ली यु पी म पी राजस्थान से दूर-दूर के यात्री आते हैं।
श्री
भैंरो
बाबा
मन्दिर
के
वर्तमान
गोठिया
श्री
भैरुलाल
गोठिया]
बुधपुरा
निवासी
हैं।
जो
वर्तमान
में
मन्दिर
की
देखभाल
व
पुजा
अर्चना
करते
हैं।
मन्दिर
के
गोठिया
बाबा
ने बताया की श्री भैंरो बाबा से सच्ची श्रृद्धा से मांगी गई मनोकामना पुरी होती हैं।
उन्होने
बताया
कि
हमारे
पूर्वज
श्री
बुद्धसिंह
जादौन
के
स्वपन
मे
श्री
भैंरो
बाबा
आये
व
अपना
मन्दिर
गिरौनिया
मे
बनाने
की
बात
कही।
बताते
हैं
कि
गिरौनिया
स्थित
पानी
के
पोखर
मे
श्री
भैंरो
बाबा
प्रकट
हुए।
व
उनका
वहॉ
ही
मन्दिर
बनाया
गया।
श्री
बुद्धसिंह
जादौन
ने
फिर
हमें
गिरौनिया
गॉव
की
बसावट
के
बारे
में
जानकारी
दी।
उन्होनें
बताया
कि
पहले
गिरौनिया
गॉव]
गिरौनिया
किले
के
पास
बसा
था।
मगर
एक
बार
कि
बात
हैं
कि
गिरौनिया
के
लोगों
ने
एक
ब्राह्मण
की
हत्या
कर
दी।
फिर
ब्राह्मणों
ने
गिरौनिया
में
पंचायत
जोडी
व
गिरौनिया
की
धरती
पर
अपने
जनैउ
त्याग
कर]
मृत
ब्राह्मण
व्यक्ति
से
फरियाद
की]
यदि
तुम
असल
ब्राह्मण
थे]
तो
तुम
अपनी
मौत
का
बदला
आवश्य
लेना।
बताते
हैं
तभी
से
हर
रोज
गिरौनिया
मे
एक
व्यक्ति
खत्म
हो
जाता
था।
ऐसा
बताते
हैं
कि
उस
मृत
ब्राह्मण
व्यक्ति
की
आत्मा
हर
रोज
पुकार-पुकार
कर
व्यक्ति
को
खत्म
करती
थी।
तब
ग्रामवाशियों
ने
श्री
भैंरो
बाबा
से
फरियाद
करने
लगे।
श्री
भैंरो
बाबा
ने
कहा
कि
यह
ब्राह्मण
व्यक्ति
की
आत्मा
हैं]
इसे
मैं
बांध
व
जला
नही
सकता। लेकिन एक उपाय हैं कि आप यह स्थान छोडकर अन्यत्र बस जाओ। वहॉ मै आपकी हर प्रकार रक्षा करुंगा। तभी से गिरौनिया किले के पास से हट कर वर्तमान बसे स्थान पर बस गया। गिरौनिया गॉव में केवल राजपूत जाति के लोग ही निवास करते हैं।
!! जय श्री भैंरो बाबा की !!
श्री कुंवर बाबा मन्दिर
श्री कुंवर बाबा मन्दिर
श्री कुंवर बाबा का मन्दिर झिरी गॉव के दक्षिण दिशा में झिरी शंकरपुर गॉव के सडक किनारे बना प्राचीन मन्दिर हैं। मन्दिर के चबूतरे का निर्माण कुंवर संजू सिंह जादौन पुत्र श्री नारायण सिंह जादौन निवासी झिरी ने 01-01-2007 को करवाया था। तथा वर्तमान मे नव निर्मित मन्दिर का निर्माण सुबेदार भागीरथ सिंह जादौन ने करवाया है। लेकिन अभी इस नव निर्मित मन्दिर में श्री कुंवर बाबा की प्रतिमा स्थापित नही की गई हैं।
यहां के स्थानिय निवासी बताते हैं कि एक रात को श्री कुंवर बाबा अपने घर सो रहे थे। तब कुछ चोर उनके घर घुस कर बैल चुरा ले गये। बैल चोरी होने की बात जब घर वालो को चली तो] श्री कुंवर बाबा के पिताजी ने कहा कि आपके सोते-सोते बैल चोरी करवा दिये। आपने तो अपनी मॉ का दूध लज्जा दिया। तभी श्री कुंवर बाबा अपने साथियों के साथ बैलों की तलाष मे चले गये। जंगल मे घटिया पर चोरों से लडते हुए बैल छुडा लिए व चोरो को मार दिया। मगर इस लडाई के दौरान एक तीर बाबा के बगल मे लग गया। श्री कुंवर बाबा ने तीर को वही दबाये रखा व साथियों को गॉव लौटने को कहा। तथा गॉव आने पर ही अपने बगल मे लगे तीर को निकालने की बात कही। जैसे ही गॉव आया तो बाबा के साथियों ने तीर निकाला तो] तीर निकलने के साथ ही बाबा परलोक सिधार गये।
स्थानिय लोगों द्वारा प्रत्येक सोमवार को श्री कुंवर बाबा के जात करने जाते हैं। व आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मन्दिर में पूजा अर्चना का कार्य करने के लिए शंकरपुर के राजपूत परिवारों द्वारा स्वयं के खर्चे पर पुजारी की व्यवस्था कर रखी हैं। इस क्षेत्र वाशियों व मवेशियों
की जहरीले जानवरों से रक्षा श्री कुंवर बाबा ही करते हैं। यदि किसी व्यक्ति को जहरीला जानवर काट जाता हैं तो] श्री कुंवर बाबा के नाम की मिट्टी या भभूत भी यदि बाबा का नाम लेकर उस स्थान पर लगा देते हैं तो उसका जहर नही फैलता हैं। व मरीज को आराम मिलता हैं।
एक बार एक चोर ने मन्दिर के लगे घण्टा घण्टी चोरी कर ले जाने लगा। चोरी करने पर वह अंधा हो गया व उसे आगे जाने का रास्ता नही मिला] तब वह पुनः घण्टा (घण्टी] मन्दिर में लगाया व अपनी गलती की माफी मांगी] तब जाकर वह ठीक हुआ।
!! जय श्री कुंवर बाबा की !!
Subscribe to:
Posts (Atom)