श्री कुंवर बाबा मन्दिर
श्री कुंवर बाबा का मन्दिर झिरी गॉव के दक्षिण दिशा में झिरी शंकरपुर गॉव के सडक किनारे बना प्राचीन मन्दिर हैं। मन्दिर के चबूतरे का निर्माण कुंवर संजू सिंह जादौन पुत्र श्री नारायण सिंह जादौन निवासी झिरी ने 01-01-2007 को करवाया था। तथा वर्तमान मे नव निर्मित मन्दिर का निर्माण सुबेदार भागीरथ सिंह जादौन ने करवाया है। लेकिन अभी इस नव निर्मित मन्दिर में श्री कुंवर बाबा की प्रतिमा स्थापित नही की गई हैं।
यहां के स्थानिय निवासी बताते हैं कि एक रात को श्री कुंवर बाबा अपने घर सो रहे थे। तब कुछ चोर उनके घर घुस कर बैल चुरा ले गये। बैल चोरी होने की बात जब घर वालो को चली तो] श्री कुंवर बाबा के पिताजी ने कहा कि आपके सोते-सोते बैल चोरी करवा दिये। आपने तो अपनी मॉ का दूध लज्जा दिया। तभी श्री कुंवर बाबा अपने साथियों के साथ बैलों की तलाष मे चले गये। जंगल मे घटिया पर चोरों से लडते हुए बैल छुडा लिए व चोरो को मार दिया। मगर इस लडाई के दौरान एक तीर बाबा के बगल मे लग गया। श्री कुंवर बाबा ने तीर को वही दबाये रखा व साथियों को गॉव लौटने को कहा। तथा गॉव आने पर ही अपने बगल मे लगे तीर को निकालने की बात कही। जैसे ही गॉव आया तो बाबा के साथियों ने तीर निकाला तो] तीर निकलने के साथ ही बाबा परलोक सिधार गये।
स्थानिय लोगों द्वारा प्रत्येक सोमवार को श्री कुंवर बाबा के जात करने जाते हैं। व आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मन्दिर में पूजा अर्चना का कार्य करने के लिए शंकरपुर के राजपूत परिवारों द्वारा स्वयं के खर्चे पर पुजारी की व्यवस्था कर रखी हैं। इस क्षेत्र वाशियों व मवेशियों
की जहरीले जानवरों से रक्षा श्री कुंवर बाबा ही करते हैं। यदि किसी व्यक्ति को जहरीला जानवर काट जाता हैं तो] श्री कुंवर बाबा के नाम की मिट्टी या भभूत भी यदि बाबा का नाम लेकर उस स्थान पर लगा देते हैं तो उसका जहर नही फैलता हैं। व मरीज को आराम मिलता हैं।
एक बार एक चोर ने मन्दिर के लगे घण्टा घण्टी चोरी कर ले जाने लगा। चोरी करने पर वह अंधा हो गया व उसे आगे जाने का रास्ता नही मिला] तब वह पुनः घण्टा (घण्टी] मन्दिर में लगाया व अपनी गलती की माफी मांगी] तब जाकर वह ठीक हुआ।
!! जय श्री कुंवर बाबा की !!
Jai Bhero Baba Ki
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