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Saturday, May 11, 2013

श्री भैंरो बाबा मन्दिर-गिरौनिया



श्री भैंरो बाबा मन्दिर-गिरौनिया


               
श्री भैंरो बाबा का गिरौनिया स्थित मन्दिर सरमथूरा-झिरी मुख्य मार्ग से 2 किलोमीटर दूर जंगल की पहाडियों पर स्थित एक प्राचीन मन्दिर हैं। 
 यह मन्दिर सरमथुरा से 21 किलोमीटर झिरी से 7 किलोमीटर दूर स्थित हैं। यहां प्रतिवर्ष भादवा की शुक्ल सात को मेला भरता हैं। इस मन्दिर पर जात देने के लिए दिल्ली यु पी म पी  राजस्थान से दूर-दूर के यात्री आते हैं।

                श्री भैंरो बाबा मन्दिर के वर्तमान गोठिया श्री भैरुलाल गोठिया] बुधपुरा निवासी हैं। जो वर्तमान में मन्दिर की देखभाल पुजा अर्चना करते हैं। मन्दिर के गोठिया बाबा ने  बताया की श्री भैंरो बाबा से सच्ची श्रृद्धा से मांगी गई मनोकामना पुरी होती हैं।

               
गिरौनिया के श्री बुद्धसिंह जादौन जिन्होने गिरौनिया में श्री भैरो बाबा का प्रसिद्ध मन्दिर बनवाया था के वंशज श्री नत्थूसिंह जादौन ने हमें मन्दिर निर्माण गॉव के बारे मे जनकारी दी। हैं।

               उन्होने बताया कि हमारे पूर्वज श्री बुद्धसिंह जादौन के स्वपन मे श्री भैंरो बाबा आये अपना मन्दिर गिरौनिया मे बनाने की बात कही। बताते हैं कि गिरौनिया स्थित पानी के पोखर मे श्री भैंरो बाबा प्रकट हुए। उनका वहॉ ही मन्दिर बनाया गया।

             
श्री भैंरो बाबा अपने भक्तो को भूत-प्रेत बुरी आत्मा से रक्षा करते हैं। अपने भक्तो की मनोकामना पुरी करते हैं। उन्होने बताया कि हमारे क्षेत्र के मवेषी सवेरे स्वयं घास चरने जाते हैं शाम को स्वयं अपने आप घर लौट आते हैं।


               श्री बुद्धसिंह जादौन ने फिर हमें गिरौनिया गॉव की बसावट के बारे में जानकारी दी। उन्होनें बताया कि पहले गिरौनिया गॉव] गिरौनिया किले के पास बसा था। मगर एक बार कि बात हैं कि गिरौनिया के लोगों ने एक ब्राह्मण की हत्या कर दी। फिर ब्राह्मणों ने गिरौनिया में पंचायत जोडी गिरौनिया की धरती पर अपने जनैउ त्याग कर] मृत ब्राह्मण व्यक्ति से फरियाद की] यदि तुम असल ब्राह्मण थे] तो तुम अपनी मौत का बदला आवश्य लेना।

             बताते हैं तभी से हर रोज गिरौनिया मे एक व्यक्ति खत्म हो जाता था। ऐसा बताते हैं कि उस मृत ब्राह्मण व्यक्ति की आत्मा हर रोज पुकार-पुकार कर व्यक्ति को खत्म करती थी। तब ग्रामवाशियों ने श्री भैंरो बाबा से फरियाद करने लगे। श्री भैंरो बाबा ने कहा कि यह ब्राह्मण व्यक्ति की आत्मा हैं] इसे मैं बांध जला नही सकता।  लेकिन एक उपाय हैं कि आप यह स्थान छोडकर अन्यत्र बस जाओ। वहॉ मै आपकी हर प्रकार रक्षा करुंगा। तभी से गिरौनिया किले के पास से हट कर वर्तमान बसे स्थान पर बस गया। गिरौनिया गॉव में केवल राजपूत जाति के लोग ही निवास करते हैं।



!! जय श्री भैंरो बाबा की !!

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