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Thursday, May 9, 2013

श्री पठान बाबा की मजार

           श्री पठान बाबा की मजार


                झिरी गॉव से 5 किमी दुर उतर दिशा मे 500 फीट उची पहाडी पर श्री पठान बाबा की मजार स्थित हैं। श्री पठान बाबा मूल रुप से लाहौर ¼पाक½ के निवासी थे। इसलिए इन्हें लाहौरे बाबा के नाम से भी जाना जाता हैं। खरकाई ¼जंगल में अस्थाई निवास½ पर रहने वाले पशुपालक व पशुओ की जहरीले जानवरो व दुष्ट आत्माओ से रक्षा करते हैं।
             इसलिए पशुपालक हर वर्ष इनकी मजार पर धर्म पूण्य करते हैं। श्री पठान बाबा मुस्लिम समाज के होने के बावजुद भी इन्हें हर धर्म के लोग पुजते हैं। प्रत्येक गुरुवार को बाबा की जात लगती हैं। इनके पुजारी गोठिया श्री मुन्ना चौधरी ¼तेली½ हैं।
             एक बार की बात हैं कि  एक 10 वर्षीय बालक खरकाई पर से घर लौट रहा था। तभी एक कमर से पत्थर बंधा] छोटे बालक के रुप मे भूत उसे रास्ते मे मिला 10 वर्षीय बालक से कुश्ती लडने के लिए ललकारने लगा। बालक ने मना किया। लेकिन भूत कहा मानने वाला था। तभी श्री पठान बाबा नीले घोडे पर अचानक प्रकट हुए बालक को घोडे पर बिठा कर] मुर्छित अवस्था में बालक के घर लेटा आये बालक के जूते बर्तन उनके घर के कमरे मे ताला भीतर रख दिये। जब बालक को होश आया तो उन्होने यह पुरा घटनाक्रम घर वाले बडे बुर्जगो को बताया। लेकिन उन्हे बालक की बातों पर विश्वास नही हुआ। शाम का बालक की ममी खेत से लौट कर आयी घर का दरवाजा खोल कर] उसमे बालक के जूते बर्तन देखकर] घर वालो को बालक की बातों पर विश्वास हुआ।
              एक बार डकैतों ने खरकाई वाले पशुपालको से चन्दा वसुली की। लेकिन श्री पठान बाबा के प्रताप से उन्हे खरकाई से लौटने का रास्ता नही मिला अंधे हो गये। जब डकैत खरकाई की ओर चले तो उन्हें दिखना शुरु हो जावे जब वे वहां से लौटने लगे तो दिखना बंद हो जावे। यहॉ तक कि उनकी बंदूको से गोलियॉ तक नही चली। तब उन्होनें पशुपालको से वसुले गये रुपये 101 रुपये ओर मिलाकर पशुपालको को श्री पठान बाबा के प्रसाद के लिए भेट किये। तब जाकर उन्हें दिखना प्रारम्भ हुआ वे वहां से प्रस्थान करे।
                श्री पठान बाबा के आसपास की जमीन एक बार गुर्जर जाति के लोगों ने जोत दी थी। तभी श्री पठान बाबा नाराज होकर अपने चमत्कार से उनके स्वास्थ्य को बिगाड दिया। फिर श्री पठान बाबा से माफी मॉगने पर वे स्वस्थ हो पाये।

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